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झारखंड विधानसभा में 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पारित

बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की आर्थिक विकास दर 2019-20 में 1.1 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 2023-24 में 7.5 प्रतिशत रही। वर्ष 2025-26 में भी यह 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

03 Mar 2025

झारखंड विधानसभा में 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पारित

रांची। झारखंड विधानसभा में सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया। इसे राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में पेश किया।

बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की आर्थिक विकास दर 2019-20 में 1.1 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 2023-24 में 7.5 प्रतिशत रही। वर्ष 2025-26 में भी यह 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री ने कहा कि गठबंधन की सरकार ने राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करने और कम से कम स्तर तक रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन से वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा को 1.1 प्रतिशत रखने में सफलता मिली है। इससे राज्य का डेट जीडीपी रेशियो में सुधार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 30.2 प्रतिशत था, 2022-23 में 28.4 प्रतिशत तथा 2023-24 में 27.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

61,056.12 करोड़ राजस्व रहने का अनुमान

वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड ने राजस्व आय (कर और गैर कर राजस्व) में उत्तरोत्तर वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2019-20 में राज्य के स्रोत से कुल राजस्व आय 25,521 करोड़ रुपया था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 41,429.88 करोड़ रुपया हो गया और 2025-26 में 61,056.12 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। मौके पर सीएम हेमंत सोरेन सहित अन्य मंत्री, सत्तारूढ दलों के (झामुमो-कांग्रेस-राजद) विधायक और विपक्षी (एनडीए) विधायक भी उपस्थित थे।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास कार्यों को वर्तमान सरकार स्थापना व्यय की तुलना में अधिक प्राथमिकता दे रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूंजीगत परिव्यय के पुनरीक्षित बजट पर 9.06 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25 हजार 720 करोड़ 41 लाख रुपए पूंजीगत परिव्यय का आंकलन किया गया है। सरकार की ओर से राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य को बेहतर करने और भविष्य की पीढ़ी को आर्थिक बोझ की विरासत से बचाने के लिए बेहतर ऋण प्रबंधन किया गया है।

सिंकिंग फंड में 2282 करोड़ का निवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना के विकास के लिए ऋण लेना सरकार की बाध्यता है और ऐसा करना पड़ता है। पूर्व में लिए गए ऋणों के भुगतान में भविष्य में संभावित किसी विपरीत आर्थिक स्थिति का सामना करने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान सरकार द्वारा सिंकिंग फंड में लगातार निवेश किया जा रहा है। इस उद्देश्य से अबतक इसमें लगभग 2282 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसका उपयोग केवल ऋण भुगतान के लिए ही किया जायेगा। इससे स्वस्थ आर्थिक हित के साथ साथ राज्य की साख भी बढ़ी है। इस वर्ष इसमें 638 करोड़ 13 लाख रुपए का पुनः निवेश करने का प्रस्ताव है। पुरानी पेंशन योजना का वित्तीय भार कम करने के दृष्टिकोण से पेंशन कोष का गठन किया गया है। इसके लिए वर्ष 2023-24 में 700 करोड़ रुपए एवं 2024-25 में 780 करोड़ रुपए पेंशन कोष में निवेश किये गये। वर्ष 2025-26 में 832 करोड़ रुपए निवेश के लिए बजट प्रस्तावित है।

सरकार के पांव मजबूती से जमीन पर टिके हैं। इसी विश्वास के साथ वे सदन के समक्ष वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपए का सकल बजट अनुमान प्रस्तुत कर रहे हैं जो गत वर्ष से 13 प्रतिशत अधिक है।

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